Tuesday, December 9, 2008

क्रिसमस के तोहफ़े- बाल-कविता





देखो-देखो बरफ़ गिरी है
कितनी प्यारी मखमल सी है
बर्फ़ के गुड्डे मन को भायें
चलो सभी के संग बनायें
गोल-मोल से लगते प्यारे
गाजर नाक लगाये सारे
आया जो क्रिसमस का मौसम
घर बाहर को कर दें रोशन
राजू क्यों है आज उदास
आओ चल कर पूछें पास
मम्मी बोली उसकी अब के
होंगे नहीं क्रिसमस पे तोहफ़े
उसने मां को खू़ब सताया
इसीलिये ये दंड है पाया
सैन्टा उनको तोहफ़ा देते
मम्मी का जो कहना सुनते
हम अच्छे बच्चे बन जायें
सुंदर-सुंदर तोहफ़े पायें