Friday, November 14, 2008

बाल दिवस पर: रम-पल-स्टिल्ट-स्किन- आखिरी भाग


गतांक से आगे-

शादी के बाद किसान की बेटी रानी बन कर ख़ुशी ख़ुशी रहने लगी। एक साल बाद उसके एक बेटा हुआ। वो अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी।

एक रात जब वो अपने बच्चे को सुला रही था, उसके कमरे में वही बौना फिर प्रकट हुआ। रानी उसे देख कर डर गई। बौने ने रानी से वादानुसार उसका बेटा देने की बात कही। मगर अब रानी को मां की ममता का पता चल चुका था, वो किसी भी हालत में अपने बच्चे से अलग नहीं होना चाहती थी। उसने बड़ी मन्नतें की, गिड़गिड़ाई और कुछ भी और माँग लेने को कहा। मगर बौना उसके बच्चे को ले जाने ही आया था। रानी रोने लगी और उसकी इतनी मिन्नतें करने पर बौने को थोड़ी दया आ गई। तब उसने रानी से कहा," ठीक है, मैं तुम्हें तीन दिन का समय देता हूँ, तुम अगर इन तीन दिनों में मेरा नाम मुझे बता सको तो मैं इस बच्चे को नहीं ले जाऊँगा।"

रानी से सारे देश में हरकारे दौड़ाये। जंगल जंगल, शहर शहर, नगर नगर, हर जगह हरकारे तरह तरह के नामों की खोज में निकल गये। अगली रात को जब बौना रानी के पास आया तो रानी ने उससे पूछा," क्या तुम्हारा नाम, शीप्स्कैम्प है?" " नहीं" " क्या रात्बाती?" " नहीं " क्या जान"? "नहीं" और बौना कल फिर आने का वादा कर के चला गया। अगली रात को भी रानी उसे उसका सही नाम नहीं बता पाई।

इस बीच एक हरकारा जंगल से गुज़र रहा था। उसने अचानक जंगल के बीच एक छोटी सी आग जलती देखी। हरकारा एक पेड़ के पीछे छुप कर देखने लगा। आग के चारों तरफ़ एक बौना आदमी गा-गा कर नाच रहा था।

"बड़े मज़े हैं मेरे अब तो
लाऊँ रानी के बच्चे को
देगी वो मेरे असल नाम के बिन
नाम है मेरा रम्पल स्टिल्ट स्किन"

हरकारे ने ये सुना और दौड़ कर रानी के पास गया। रानी को उसने सारी बातें बताई। रानी को यकीन हो गया कि ये और कोई नहीं वही बौना है।

अगली रात को जब बौना आया और उसने अपना नाम पूछा, तब रानी ने कहा," क्या तुम्हारा नाम पीटर है?" " नहीं" फिर " कान्रैड?" " हा-हा, नहीं" " फिर क्या रम-पल-स्टिल्ट स्किन?" बौना एक दम से घबरा कर गुस्से से चिल्लाया, तुम्हें ये किसी शैतान ने बताया है, शैतान ने ही बताया है। और ऐसा कहते कहते उसने अपने दाहिने पैर को इतने ज़ोर से पटका कि उसका पैर ज़मीन में बहुत नीचे तक गड़ गया। फिर गुस्से में उसने अपने हाथों से अपनी बायीं पैर को इतनी ज़ोर से खींचा कि उसके दो टुकड़े ही हो गये।

रानी अपने बच्चे और राजा के साथ ख़ुशी खु़शी रहने लगी।

Thursday, November 13, 2008

बाल दिवस पर: रम-पल-स्टिल्ट-स्किन- पहला भाग


बहुत दिनों पहले की बात है। किसी देश में एक ग़रीब किसान एक गाँव में रहता था। उसकी एक सुंदर बेटी थी। एक दिन किसान कुछ पैसे बनाने के लालच में, उस देश के राजा के पास गया और कहा कि उसकी बेटी भूसे को कात कर सोना बना सकती है। राजा ने किसान से ख़ुश हो कर उसे अपनी बेटी को महल ले आने का आदेश दिया और कहा कि अगर उसकी बेटी सच में ऐसा कर सकती है तो वो उस से शादी कर लेगा, मगर अगर ये झूठ निकला तो वो बेटी और पिता दोनों का सर कलम करवा देगा।


किसान अपनी बेटी को महल ले गया। राजा ने एक बड़े से भूसे से भरे कमरे में उस लड़की को भेज दिया जहाँ एक चरखा भी रखा था। किसान की बेटी को कुछ पता नहीं था कि वो क्या करे। जान चले जाने के डर से वो कुछ कह भी नहीं पाई। बंद कमरे में वो रोती रही। रात के बारह बजे अचानक कमरे का दरवाज़ा खुला और एक बौना आदमी अंदर आया। उसे देख कर किसान की बेटी डर गई मगर बौने ने उसे ढाँढस बँधाया और उससे उसके रोने का कारण पूछा। रोते रोते किसान की बेटी ने सारी बात बताई और कहा कि उसे भूसे से सोना बनाना नहीं आता। तब बौने आदमी ने उससे पूछा कि अगर वो सारे भूसे को सोना बना दे तो उसे क्या मिलेगा। किसान की बेटी ने अपनी उंगली मॆं पहनी हुई अंगूठी को उस बौने को दे देने का वादा किया। तब बौने ने सारी रात चरखे पर काम कर के भूसे को सोने में बदल दिया और सुबह लड़की से अंगूठी ले कर चला गया।


अगली सुबह राजा कमरे में सोना देख कर फूला नहीं समाया। मगर उसके मन में लालच आ गया और उसने किसान की बेटी को एक भूसे से भरा और भी बड़ा कमरा दिया और सारे भूसे को फिर से सोने में बदलने को कहा। किसान की बेटी अब फिर मुसीबत भाँप कर रोने लगी। रात के ठीक बारह बजे, फिर दरवाज़ा खुला और बौना प्रकट हुआ। इस बार लड़की के गले के हार के बदले बौने ने उसका काम करने का वादा किया।

अगली सुबह राजा सोना देख कर बहुत ख़ुश हुआ और किसान की बेटी को एक और भूसे से भरे बड़े कमरे में ले गया। इस बार उसने लड़की से वादा किया कि अगर वो इस सारे भूसे को सोने में बदल दे तो वो कल ही उस से शादी कर लेगा। किसान की बेटी कमरे में बंद हो कर रात के बारह बजे का इंतज़ार करने लगी।

रात के ठीक बारह बजे बौना प्रकट हुआ। उसने किसान की बेटी से फिर वही सवाल किया, " तुम मुझे इस काम के बदले क्या दोगी?" किसान की बेटी के पास और कुछ बाक़ी नहीं था। उसने कहा." मेरे पास अब और कुछ नहीं"। तब बौने ने कहा," ठीक है, फिर जब तुम्हारी राजा से शादी हो जायेगी, तब तुम मुझे अपना पहला बेटा दे देना।" किसान की बेटी ने झट मान लिया। उसे तब मां की ममता का अहसास नहीं था। अपनी जान बचाना उसे उस समय ज़्यादा ज़रूरी लगा। सारी रात बौने ने चरखे पर काम किया और उस कमरे में रखे सारे भूसे को सोने में बदल दिया और सुबह एक साल बाद फिर आने का वादा कर के चला गया।


अगले दिन सुबह राजा सोना देख कर बहुत ख़ुश हुआ और उसने किसान की बेटी से शादी कर ली...