
गतांक से आगे-
शादी के बाद किसान की बेटी रानी बन कर ख़ुशी ख़ुशी रहने लगी। एक साल बाद उसके एक बेटा हुआ। वो अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी।
एक रात जब वो अपने बच्चे को सुला रही था, उसके कमरे में वही बौना फिर प्रकट हुआ। रानी उसे देख कर डर गई। बौने ने रानी से वादानुसार उसका बेटा देने की बात कही। मगर अब रानी को मां की ममता का पता चल चुका था, वो किसी भी हालत में अपने बच्चे से अलग नहीं होना चाहती थी। उसने बड़ी मन्नतें की, गिड़गिड़ाई और कुछ भी और माँग लेने को कहा। मगर बौना उसके बच्चे को ले जाने ही आया था। रानी रोने लगी और उसकी इतनी मिन्नतें करने पर बौने को थोड़ी दया आ गई। तब उसने रानी से कहा," ठीक है, मैं तुम्हें तीन दिन का समय देता हूँ, तुम अगर इन तीन दिनों में मेरा नाम मुझे बता सको तो मैं इस बच्चे को नहीं ले जाऊँगा।"
रानी से सारे देश में हरकारे दौड़ाये। जंगल जंगल, शहर शहर, नगर नगर, हर जगह हरकारे तरह तरह के नामों की खोज में निकल गये। अगली रात को जब बौना रानी के पास आया तो रानी ने उससे पूछा," क्या तुम्हारा नाम, शीप्स्कैम्प है?" " नहीं" " क्या रात्बाती?" " नहीं " क्या जान"? "नहीं" और बौना कल फिर आने का वादा कर के चला गया। अगली रात को भी रानी उसे उसका सही नाम नहीं बता पाई।
इस बीच एक हरकारा जंगल से गुज़र रहा था। उसने अचानक जंगल के बीच एक छोटी सी आग जलती देखी। हरकारा एक पेड़ के पीछे छुप कर देखने लगा। आग के चारों तरफ़ एक बौना आदमी गा-गा कर नाच रहा था।
"बड़े मज़े हैं मेरे अब तो
लाऊँ रानी के बच्चे को
देगी वो मेरे असल नाम के बिन
नाम है मेरा रम्पल स्टिल्ट स्किन"
हरकारे ने ये सुना और दौड़ कर रानी के पास गया। रानी को उसने सारी बातें बताई। रानी को यकीन हो गया कि ये और कोई नहीं वही बौना है।
अगली रात को जब बौना आया और उसने अपना नाम पूछा, तब रानी ने कहा," क्या तुम्हारा नाम पीटर है?" " नहीं" फिर " कान्रैड?" " हा-हा, नहीं" " फिर क्या रम-पल-स्टिल्ट स्किन?" बौना एक दम से घबरा कर गुस्से से चिल्लाया, तुम्हें ये किसी शैतान ने बताया है, शैतान ने ही बताया है। और ऐसा कहते कहते उसने अपने दाहिने पैर को इतने ज़ोर से पटका कि उसका पैर ज़मीन में बहुत नीचे तक गड़ गया। फिर गुस्से में उसने अपने हाथों से अपनी बायीं पैर को इतनी ज़ोर से खींचा कि उसके दो टुकड़े ही हो गये।
रानी अपने बच्चे और राजा के साथ ख़ुशी खु़शी रहने लगी।
शादी के बाद किसान की बेटी रानी बन कर ख़ुशी ख़ुशी रहने लगी। एक साल बाद उसके एक बेटा हुआ। वो अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी।
एक रात जब वो अपने बच्चे को सुला रही था, उसके कमरे में वही बौना फिर प्रकट हुआ। रानी उसे देख कर डर गई। बौने ने रानी से वादानुसार उसका बेटा देने की बात कही। मगर अब रानी को मां की ममता का पता चल चुका था, वो किसी भी हालत में अपने बच्चे से अलग नहीं होना चाहती थी। उसने बड़ी मन्नतें की, गिड़गिड़ाई और कुछ भी और माँग लेने को कहा। मगर बौना उसके बच्चे को ले जाने ही आया था। रानी रोने लगी और उसकी इतनी मिन्नतें करने पर बौने को थोड़ी दया आ गई। तब उसने रानी से कहा," ठीक है, मैं तुम्हें तीन दिन का समय देता हूँ, तुम अगर इन तीन दिनों में मेरा नाम मुझे बता सको तो मैं इस बच्चे को नहीं ले जाऊँगा।"
रानी से सारे देश में हरकारे दौड़ाये। जंगल जंगल, शहर शहर, नगर नगर, हर जगह हरकारे तरह तरह के नामों की खोज में निकल गये। अगली रात को जब बौना रानी के पास आया तो रानी ने उससे पूछा," क्या तुम्हारा नाम, शीप्स्कैम्प है?" " नहीं" " क्या रात्बाती?" " नहीं " क्या जान"? "नहीं" और बौना कल फिर आने का वादा कर के चला गया। अगली रात को भी रानी उसे उसका सही नाम नहीं बता पाई।
इस बीच एक हरकारा जंगल से गुज़र रहा था। उसने अचानक जंगल के बीच एक छोटी सी आग जलती देखी। हरकारा एक पेड़ के पीछे छुप कर देखने लगा। आग के चारों तरफ़ एक बौना आदमी गा-गा कर नाच रहा था।
"बड़े मज़े हैं मेरे अब तो
लाऊँ रानी के बच्चे को
देगी वो मेरे असल नाम के बिन
नाम है मेरा रम्पल स्टिल्ट स्किन"
हरकारे ने ये सुना और दौड़ कर रानी के पास गया। रानी को उसने सारी बातें बताई। रानी को यकीन हो गया कि ये और कोई नहीं वही बौना है।
अगली रात को जब बौना आया और उसने अपना नाम पूछा, तब रानी ने कहा," क्या तुम्हारा नाम पीटर है?" " नहीं" फिर " कान्रैड?" " हा-हा, नहीं" " फिर क्या रम-पल-स्टिल्ट स्किन?" बौना एक दम से घबरा कर गुस्से से चिल्लाया, तुम्हें ये किसी शैतान ने बताया है, शैतान ने ही बताया है। और ऐसा कहते कहते उसने अपने दाहिने पैर को इतने ज़ोर से पटका कि उसका पैर ज़मीन में बहुत नीचे तक गड़ गया। फिर गुस्से में उसने अपने हाथों से अपनी बायीं पैर को इतनी ज़ोर से खींचा कि उसके दो टुकड़े ही हो गये।
रानी अपने बच्चे और राजा के साथ ख़ुशी खु़शी रहने लगी।