Thursday, September 18, 2008

हालूम खा - पहला भाग

चित्र: सौजन्य से:
how-to-draw-cartoons-online.com

बहुत समय पहले की बात है। एक पहाड़ी के नीचे एक सुंदर, हरा भरा गाँव बसा था, पूकुरग्राम। वहाँ सभी लोग बहुत मिल जुल कर रहते थे। मगर उस गाँव की एक समस्या थी। पहाड़ी के पीछे रहता था हालूम खा, जो कि शाम होते ही पहाड़ी से नीचे आकर बच्चे उठा ले जाता था। सभी बच्चों की माँ बहुत परेशान रहती थी । कोई बच्चा शाम को घर से बाहर देर तक नहीं रह पाता और शाम होते ही घर में दुबक जाता। सभी हालूम खा से त्रस्त थे।

उसी गाँव के एक घर में दो लड़कियाँ अपने मां के साथ रहती थीं। कमला और विमला। दोनों बहनों में बहुत प्यार था और वे हमेशा मां का कहा सुनती थीं। एक बार गाँव में किसी बच्चे का जन्मदिन था। उसने गाँव के सभी बच्चों को अपने जन्म दिन पर बुलाया। कमला और विमला को भी निमंत्रण आया। कमला और विमला की माँ ने उनके के लिये सुंदर कपड़े सीये और उनको जाने के लिये तैयार किया। उनकी मां को जादू का ज्ञान भी था। वो इस जादू का इस्तेमाल सिर्फ़ भले कामों के लिये ही करती थीं। न्यौते पर जाने से पहले कमला और विमला को उनकी मां ने एक जादू की टोपी दी और कहा, "इन टोपियों को उतारना नहीं। इन टोपियों को जब तक तुम लोग पहनी रहोगी, तुम्हें हालूम खा नहीं हाथ लगा सकता। मगर शाम से पहले घर आ जाना, देर मत करना।" कमला और विमला, दोनों मां के सीये कपड़े और टोपी पहन कर अपने दोस्त के जन्मदिन के न्यौते पर चली गईं।

जब शाम होने लगी तो सभी बच्चे अपने-अपने घर जाने लगे। कमला और विमला भी घर की तरफ़ बढ़ने लगे। रास्ते में अचानक विमला का हाथ उसके अपने सर पर गया तो वो चीख उठी। उस के सर पर जादू की टोपी नहीं थी। दोनों बहनें घबरा गईं। तब विमला ने कमला से कहा, "बहन, तू यहीं रुक, मैं अभी वो टोपी ले कर आती हूँ। लगता है जिस बगीचे में हम खेल रहे थे वहाँ गिर गई है टोपी।" विमला दौड़ कर उस छोटे से फूल के बगीचे में अपनी टोपी ढूँढने चली गई। कमला वहीं रुक कर विमला का इंतज़ार करने लगी।

बगीचे में विमला ने हर तरफ़ देखा। आख़िरकार उसे अपनी टोपी एक फूल के पौधे के नीचे पड़ी मिल ही गई। विमला ने दौड़ कर उस टोपी को उठा लिया और उसे अपने सर पर पहनने ही वाली थी कि पीछे से उसका हाथ दो मज़बूत हाथों ने पकड़ लिया। " हा हा हा, मुझसे कैसे बचोगी। मैं आज तुम्हें पकड़ कर नमक मिर्च लगा कर खाऊँगा"। हालूम खा ने विमला को पकड़ लिया, और अपने झोले में डाल कर अपने घर की ओर चल पड़ा।

उधर कमला ने देखा कि विमला बहुत देर तक नहीं आ रही है, तो उसे शक हो गया कि विमला को शायद हालूम खा ने पकड़ लिया है। वो भाग कर अपने घर चली गई और घर जा कर उसने अपनी मां को सारी बातें बताईं।
आगे यहाँ पढें

2 comments:

पारुल "पुखराज" said...

khuub khuub araam ho gaya hai/ab raat ko kahaniyan banani nahi padtin/yahan padhuun vahan sunaaun...jari rahiye

कडुवासच said...

बहुत अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर।