Wednesday, September 17, 2008

परी कथायें व अन्य बाल कथायें

बचपन में हर रात सोने जाने से पहले पापा मुझे एक कहानी सुनाते थे। कई बार वो कहानियाँ दोहराई जाती थीं, मगर एक कहानी रोज़ होती थी। उसी तरह बंगला परी कथाओं की एक कहानी की किताब, "ठाकुमार झूली" से भी बचपन में मैंने कई कहानियाँ पढ़ीं। उन में से अभी भी कुछ याद हैं और अपनी याददाश्त के ही आधार पर वो कहानियाँ मैं यहाँ पेश करूँगी, जब जैसा समय मिले।

disclaimer: सभी कहानियों में कई जगह असली कहानी से पात्रों और जगह के नाम भिन्न हो सकते हैं व कहानी में भी पार्थक्य हो सकता है।
अगले पोस्ट में कहानी- एक राजा और उसकी दो रानियाँ।

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